चीन में फैल रहे कैरोना वायरस के चलते वहां फंसे करीब 250 स्टूडेंट्स को लेकर चिंता की स्थिति बनी हुई है। इसके मद्देनजर भारत ने रविवार को कहा है कि वुहान समेत चीन के अलग-अलग हिस्सों में फंसे स्टूडेंट्स की चिंताओं के समाधान के लिए चीनी सरकार से मंत्रणा के साथ सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।

चीन में फैल रहे कैरोना वायरस के चलते वहां फंसे करीब 250 स्टूडेंट्स को लेकर चिंता की स्थिति बनी हुई है। इसके मद्देनजर भारत ने रविवार को कहा है कि वुहान समेत चीन के अलग-अलग हिस्सों में फंसे स्टूडेंट्स की चिंताओं के समाधान के लिए चीनी सरकार से मंत्रणा के साथ सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। बता दें कि वुहान चीन में करॉना वायरस के प्रसार का केंद्र है। वहीं, चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया है कि चीन में इस नए करॉना वायरस से रविवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 56 हो गई है और 2,008 लोग इससे संक्रमित हैं, जिनमें 23 विदेशी नागरिक हैं। समझा जाता है कि शहर और उसके आसपास के कई विश्वविद्यालयों में करीब 700 भारतीय छात्र पढ़ते हैं। वायरस को फैलने से रोकने के लिए चीनी अधिकारियों ने वुहान समेत 12 अन्य शहरों को पूरी तरह से बंद कर दिया है। भारतीय छात्रों में अधिकतर मेडिकल के छात्र हैं जिनमें से अधिकतर छात्र चीनी नववर्ष की छुट्टियों के कारण कुछ सप्ताह पहले ही वहां से चले गए थे। जानकारी के मुताबिक 250 से 300 छात्र अब भी शहर में ही हैं जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर उनके माता-पिता में चिंता बढ़ गई है जो उन्हें वापस घर बुलाना चाहते हैं। पीएचडी के कई भारतीय छात्र भी वुहान और आसपास के इलाकों के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं। कुछ छात्र 23 जनवरी को शहर बंद होने से पहले किसी तरह वहां से निकलने में सफल रहे।" alt="" aria-hidden="true" />


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