बीएसएनएल और एमटीएनएल के कर्मचारी अनशन पर

केंद्र सरकार द्वारा बीएसएनएल और एमटीएनएल के कर्मचारियों को पैकेज के रूप में जो 69000 करोड़ रुपए दिए जाने थे वह नहीं दिए जाने से कर्मचारी काफी खफा हैं। अक्टूबर 2019 में केंद्र सरकार ने बीएसएनएल और एमटीएनएल के अधिकारियों कर्मचारियों के लिए रिवाइवल पेटिस की मंजूरी दी थी इस पैकेज के तहत 68751 करोड रुपए कर्मचारियों को दिया जाना था किंतु अभी तक सरकार ने यह राशि बीएसएनएल और एमटीएनएल को नहीं दी जिसके कारण कर्मचारियों के सामने भारी आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। मजबूरन हजारों कर्मचारी आज अनशन पर बैठने को मजबूर हो गए हैं। देशभर के सभी जिला मुख्यालयों में बीएसएनएल के कर्मचारी अनशन पर बैठ गए हैं।" alt="" aria-hidden="true" />


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शुक्रवार रात भर लोग एनचए-25, दिल्ली-मेरठ हाइवे, दिल्ली-मथुरा हाइवे, दिल्ली-नोएडा हाइवे, यमुना एक्सप्रेस वे होकर यूपी की तरफ जाते रहे। सुबह सूचना मिली कि यूपी सरकार लोगों को ले जाने के लिए बस का इंतजाम कर रही है। इसके बाद अचानक से गाजीपुर के नजदीक भीड़ बढ़ गई। बस दिखते ही लोग पर उसमें बैठने के लिए टूट पड़ते, जिसे संभालने के लिए पुलिस का काफी मशक्कत करनी पड़ी।
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भीड़ को संभालने के लिए पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपील करनी पड़ी कि लोग जहां है वहीं रहें। उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली-यूपी बार्डर स्थित गाजीपुर फ्लाईओवर के नजदीक पहुंचे और लोगों को समझा-बुझाकर लौटने की अपील की। भीड़ बढने पर यूपी रोडवेज की तरफ से कौशांबी डिपो तक लोगों को पहुंचने को कहा गया, जहां सभी का तापमान जांचकर बसों में रवाना किया।